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शुक्रवार, 25 जून 2010

मैं वर्तमान में जीती हूं : डॉ. रीता बहुगुणा जोशी



देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में कांग्रेस अपनी जड़ों की ओर लौट रही है। जमीन से जुड़ी कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी का ऐसा मानना है। उन्हें लगता है, कांग्रेस अपना खोया हुआ जनाधार पाने के लिए नीतियों व रीतियों का बिल्कुल सटीक इस्तेमाल कर रही है। राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी कुछ ऐसा ही करने में विश्वास रखते हैं। महिलाओं के बीच अपने खास अंदाज के लिए जानी जाती हैं रीता बहुगुणा जोशी। इन दिनों वे यूपी में अपने तूफानी दौरे की सफलता के लिए प्रयत्नशील हैं और गंभीर भी, 'मिशन-2012' को लेकर। एक खास मुलाकात के दौरान डॉ. रीता जी हुई बातचीत के मुख्य अंश...

आपने अपना करियर एक प्रोफेसर के रूप में शुरू किया। शिक्षा जगत से राजनीति में आने का मन कैसे बना?

मैं राजनैतिक परिवार की एक सदस्य हूं। माता-पिता स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे। पिताजी के मुख्यमंत्री रहे, परिवार में राजनितिक माहौल बना रहा। राजनीति सेवा के भाव से होनी चाहिए, परिवार में हम लोगों का ऐसा विचार था। पिताजी के देहांत के बाद उनके लाखों फॉलोवर्स और उनके साथी कार्यकर्ताओं को कोई लीड करने वाला नहीं था। उस समय मैं सोशल सर्विस से जुड़ी थी। 1974 में महिला संगठन से जुड़कर मैंने काफी महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम भी किया था। 1990 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद इलाहाबाद में सांप्रदायिक सौहाद्र् के लिए आगे आई। सन् 2003 में ऑल इंडिया महिला कांग्रेस की अध्यक्ष के लिए चुनी गयी। इसके बाद 1995 में इलाहाबाद के मेयर का चुनाव जीती। कुल मिलाकर आप कह सकते हैं कि परिवार में राजनीतिक पृष्ठïभूमि और खुद की मेहनत, सामाजिक सक्रियता और कुछ पिताजी के मृत्यु के बाद उनके सहयोगियों का दबाव। महिला आंदोलन और आरक्षण जैसे मुद्दे के चलते मैं पूरी तरह से राजनीति से जुड़ गयी।

1995 में इलाहाबाद की मेयर के रूप में आपने अपने राजनीतिक पारी की शुरुआत की। उस पहली पारी के दौरान आपके सामने सबसे बड़ी चुनौती क्या रही?
जिस समय मैं मेयर बनी थी, उस वक्त महिला आरक्षण का प्रथम चक्र चल रहा था। मुझे कुछ भ्रष्ट प्रशासनिक व्यवस्था और पुरुषवाद से संघर्ष करना पड़ा। हालांकि इस मामले में ज्यादा संघर्ष नहीं करना पड़ा, क्योंकि मैं यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर थी। और मुझे पब्लिक डीलिंग बहुत अच्छी तरह आती थी। कुछ ऐसे अधिकारियों से भिड़ंत हुई, जो महिलाओं के मातहत के तौर पर काम करना पंसद नहीं करते। इस वजह से प्रशासनिक स्तर पर सिस्टम कंट्रोल करने में थोड़ी दिक्कतें जरूर आईं, लेकिन बाद में सब कुछ जल्दी ही आसान हो गया।

वर्तमान में आप उत्तर प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष हैं और पार्टी को आपसे काफी उम्मीदें है। उन उम्मीदों पर आप अपने को कहां देख रही हैं?
फिलहाल, मैं एक सिपाही के रूप में कड़ी मेहनत कर रही हूं। हमारी राष्टरीय अध्यक्ष सोनिया जी ने मुझ पर विश्वास करके हमारे गृह राज्य उत्तर प्रदेश में भेजा है। यकीनन, मुझसे बहुत काबिल लोग अपनी पार्टी में हैं। बहुत वरिष्ठï लोग भी हैं। बावजूद इसके, सोनिया जी ने मेरे नाम का चयन किया। यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मैं अपने आपको को एक सफल कार्यकर्ता के रूप में देखना चाहती हूं। उन्होंने हमें जो सोच कर नेतृत्व का जिम्मा सौंपा है। उनकी आकांक्षाओं के अनुरूप काम करना हमारा दायित्व है।

आगामी विधान सभा चुनाव में उत्तर प्रदेश कांग्रेस 'मिशन-2012' राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी को आप कहां देख रही हैं?

हम स्पष्ट बहुमत में आएंगे। इसमें कोई संदेह की गुंजाइश नहीं है। इस समय हमारी 'कांग्रेस यात्रा' चल रही है। कांग्रेस के जन्म का 125वां वर्ष भी है। आप यकीन नहीं करेंगे, जब से राहुल जी ने यह यात्रा शुरू की है। मुख्यमंत्री मायावती ने इसे रोकने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। लेकिन खुशी इस बात की है कि जब राहुल जी ने कांग्रेस का झंडा हमारे दस यात्रियों के हाथ में थमाए। उस समय पूरा माहौल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा। वही दस लोग अलग-अलग क्षेत्रों में कांग्रेस की अलख जगाने के लिए जा रहे हैं। एक दिन में औसतन एक लाख से ज्यादा लोगों से हम लोग मिल रहे हैं। मैं यह समझती हूं कि इस यात्रा के दौरान हमें जिस तरह की रूझान देखने को मिल रही है और कांग्रेस को जनता का जैसा आर्शिवाद मिल रहा है। उसके आधार यह स्पष्टï है कि हम पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आएंगे।

महिला आरक्षण बिल को लेकर आपकी राय क्या है?
महिला आरक्षण होना चाहिए, इसमें कोई दो राय नहीं है। मैं सोनिया जी और डॉ. मनमोहन सिंह जी को बधाई देना चाहूंगी कि तमाम विरोधों के बावजूद उन्होंने इस बिल को पेश किया और उसे राज्यसभा से पारित करवाया। माननीय सोनिया जी महिला बिल के प्रति कटिबद्ध हैं। जो लोग महिला बिल का विरोध करते हैं, वे नारी विरोधी मानसिकता के शिकार हैं।

आज राजनीति में महिलाओं की भागीदारी जहां बढ़चढ़ कर देखी जा रही है, वहीं महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत पुरुषों के अपेक्षाकृत कम है। क्या कहेंगी आप?
बहुत सारे ऐसे प्रदेश हैं, जहां महिलाएं बढ़-चढ़कर वोट डालती हैं। दिल्ली, राजस्थान और यूपी में कई जगहों पर महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत ज्यादा है। उत्तर पूर्वी राज्यों में महिलाएं सबसे ज्यादा वोट डालती हैं। लेकिन उन राज्यों में महिलाओं को दिक्कत होती है, जहां पोलिंग स्टेशन बहुत दूर बने होते है।

राजनैतिक गतिविधियों के चलते आप अक्सर चर्चा में रहती हैं। इसकी कोई खास वजह?
मैं बहुत पारदर्शी और स्पष्टïवादी हूं। अपनी बात बेलाग तरीके से बोलती हूं। मुझे कांसपीरेसी करना नहीं आता। उत्तर प्रदेश में राजनीति कम, कूटनीति ज्यादा होती है। अब वक्त आ गया है कि प्रदेश में साफ सुथरी राजनीति हो और कांग्रेस ने इसके लिए कमर कस लिया है।

यूपी में पिछले कई के दौरान अपराध का ग्राफ बहुत तेजी से बढ़ा है। इसके लिए आप किसे जिम्मेदार मानती हैं?
माफियाओं को, जिन्हें राजनीति में पहले भाजपा ने, फिर सपा और बसपा ने बढ़ावा दिया। आज राजनीति में अराजक तत्व बहुतायत संख्या में हैं। आपने खुद देखा होगा कि जिसने मेरा घर जलाया, उसे यूपी सरकार की तरफ से राजनैतिक संरक्षण दिया गया। मायावती ने उसके भाई को एमएलसी बना दिया। इस तरह कई मिसाल हैं, जहां अपराधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिस पर जितने ज्यादे जुर्म दर्ज हैं, वह उतना ही वह मुख्यमंत्री मायावती का प्रियपात्र है।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के काफी करीब रहीं हैं। ऐसा क्या है रीता जोशी में?

मैं समझती हूं कि एक तो मैं महिला हूं और देश में महिला नेतृत्व की कमी है। सोनिया जी जो महिला सशक्तिकरण पर यकीन करती हैं, उन्होंने सक्षम महिलाओं को हमेशा प्रोत्साहित किया है। दूसरा यह कि मैं बहुगुणा जी की बेटी हूं और यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर हूं। इसके अलावा मैं निर्दलीय उम्मीदवार बनकर भी पार्लियामेंट का चुनाव जीत चुकी हूं। मैं चार साल तक संयुक्त राष्टï्रसंघ की सलाहाकार रही। मुझे अंतराष्टï्रीय स्तर पर कई पुरस्कार भी मिले। और इन सबसे बड़ी बात 1998 से लेकर 2010 तक यानी 12 साल से मेरी एक नेता हैं। वह हैं सोनिया गांधी जी । मेरी सोनिया जी के साथ अत्यंत विश्वास और निष्ठा है। राहुल जी को मैं 21वीं सदी के भारतीय नायक के रुप में देख रही हूं। भविष्य में भारत देश उनके हाथ में सुरक्षित होगा, ऐसा मैं समझती हूं। शायद यही होगा मुझमें।

पार्टी सूत्रों की मानें तो आगामी विधानसभा चुनाव में अगर कांग्रेस को बहुमत मिलता है तो सीएम आप होंगी। क्या कहेंगी?
मैं अपना वक्त इस बात में जाया नहीं करती हूं। विधायक जिसकों चाहेंगे, उन्हें चुनेंगे। मेरा फर्ज है कि मैं ऐसा माहौल बनाने में दिन रात काम करती रहंू, जिसमें पार्टी को स्पष्टï बहुमत मिले। सीएम चुनने का अधिकार विधायकों का है और यह बात बहुत बाद में आती है।

आप अपने शिक्षा व राजनीतिक कॅरियर के दौरान समाज सेवा में सक्रिय रही हैं। भविष्य में लेकर आपकी कोई खास योजना?
मैंने 23 साल तक विश्वविद्यालय में पढ़ाया है। अब मैंने वीआरएस ले लिया है। मेरी भावी योजना 'मिशन-2012' राहुल जी के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत हासिल करना है। फिलहाल, मैं इस मिशन पर लगी हूं।

आप अपने राजनीतिक व्यस्तता के बीच परिवार के लिए समय कैसे निकालती हैं?
पति हमारे इलाहाबाद में रहते हैं, बेटा दिल्ली में। मैं इलाहाबाद से दिल्ली आती-जाती रहती हूं। मेरे परिवार में बहुत एकता और प्यार है। हर रोज एक दूसरे से बात कर लेते हैं। हर महीने में पांच-सात दिन मुलाकात हो जाती है।

भविष्य का कोई ऐसा सपना, जिसे अभी पूरा करना बाकी है?
मैं वर्तमान में जीती हूं। मैं बहुत ज्यादा सपने नहीं देखती हूं।